एक समय था जब मोबाइल फोनों पर टेली मार्केटिंग कंपनियों ने लोगों को
गाहे-बगाहे अपने प्रोडक्ट बेचने के लिये फोन कर कर के दुखी कर दिया था। तब
लोगों ने परेशान होकर परकार और कोर्ट तक अपनी आवाज पहुंचाई जिसक वजह से
परेशान न करे (Do not Disturb)
की सुविधा शुरु की गई जिसकी वजह से बिना
बात के आने वाले कॉलों से तो लोगों को कुछ हद तक छुटकारा मिल गया है। लेकिन
टेली मार्केटिंग और मोबाईल कंपनियों ने अब लोगों को एसएमएस के जरिये
विज्ञापन भेजने शुरु कर दिये हैं कि इनसे भी परेशानी होनें लगी है। पूरे
दिन इन अनचाहे संदेशों को मिटाते रहना पड़ता है। विज्ञापन भी बस भेज दिये
जाते हैं, पाने वाले की स्थिति का कोई ध्यान नही है। सबसे ज्यादा संदेश
प्रोपर्टी खरीदने के आते हैं। इस बारे में भी लगता है हाईकोर्ट या सुप्रीम
कोर्ट का ही सहारा लेना पड़ेगा। टीआरएआई (TRAI) तो शायद मोबाईल कंपनियों के
हित के लिये ही बनाई गई हैं, उपभोक्ताओं की सिर दर्दी को देखना वाला कोई
नहीं है।

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