Monday, June 06, 2016

फूटपाथ में रहने वाले बच्चो का जीवन बदलेगा

रोटी बैंक और टाटा स्टील ने लिया जिम्मा 



Jamshedpur 6,June 2016 :  सड़क किनारे गुजर-बसर करनेवाले फुटपाथी बच्चों की जिंदगी संवरने वाली है। अब उनका भी साहब कहलाने का सपना पूरा हो सकेगा। इस दिशा में प्रयास तेज हो गए हैं। 'दैनिक जागरण ' में 14 मार्च 2016 को खबर 'यहां गूंज रही स्लम डॉग की जय हो ' प्रमुखता से प्रकाशित की गई थी। इसमें शहर के कुछ फुटपाथी बच्चों की प्रतिभा को दर्शाते हुए बताया गया था कि अगर उन्हें भी सुविधा मिले तो वे भी आसमां छू सकते हैं।
इसके बाद रोटी बैंक की टीम ने पहल की और अब टाटा स्टील ऐसे बच्चों की पड़ताल कर उन्हें हुनरमंद बनाने की योजना पर काम कर रही है।
इसे मुकाम तक पहुंचाने के लिए टाटा स्टील के अर्बन सर्विसेज विभाग ने बेंगलुरु के हसीरू डाला संस्था व रांची स्थित जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सर्विसेज (एक्सआइएसएस) की मदद ली है।
इसके तहत फुटपाथी बच्चों को दो वर्गो में बांटा गया है। पहले वर्ग में 18 वर्ष तक के फुटपाथी बच्चे और दूसरे वर्ग में उससे ऊपर के युवक। दोनों के लिए दो टीम अलग-अलग योजना पर काम कर रही है।



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