कोई दे मुझे फरेब... और मैं समझूँ हुनर उसे,
अब इतना भी सादगी का ज़माना नहीं रहा......?
जिंदगी की यही रीत है , हार के बाद ही जीत है ,
थोड़े आंसूं हैं , थोड़ी हंसी , आज गम है तो कल हंसी !
अब इतना भी सादगी का ज़माना नहीं रहा......?
जिंदगी की यही रीत है , हार के बाद ही जीत है ,
थोड़े आंसूं हैं , थोड़ी हंसी , आज गम है तो कल हंसी !
No comments:
Post a Comment