Thursday, May 02, 2013

जिंदगी

कोई दे मुझे फरेब... और मैं समझूँ हुनर उसे,
अब इतना भी सादगी का ज़माना नहीं रहा......?

जिंदगी की यही रीत है , हार के बाद ही जीत है , 

थोड़े आंसूं हैं , थोड़ी हंसी , आज गम है तो कल हंसी !

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