Wednesday, October 19, 2016

Supporting Say "NO" to Bargain for Diwali Diyas


#humble #request... !!
#कुम्हारन बैठी रोड़ किनारे,लेकर दीये दो-चार।
जाने क्या होगा अबकी,करती मन में विचार।।
याद करके आँख भर आई,पिछली दीवाली #त्योहार
बिक न पाया आधा समान,चढ गया सर पर उधार।।
सोंच रही है अबकी बार,दूँगी सारे #कर्ज उतार।
सजा रही है, सारे दीये करीने से बार बार।।
पास से गुजरते लोगों को देखे कातर निहार।
बीत जाए न अबकी दीवाली जैसा पिछली बार।।
#नम्र निवेदन मित्रों जनों से,करती हुँ मैँ मनुहार।
मिट्टी के ही दीये जलाएँ,#दीवाली पर अबकी बार।।




Friday, August 12, 2016

♥ ❤ ❥ ❣ ❦ ❧ Rose Says ♥ ❤ ❥ ❣ ❦ ❧

A Rose have distinct Meaning according to Color, Lets See what they says:

Red rose says:- I love you White rose says:- My feelings are pure Yellow rose says:- You bring joy to my life and Let’s be friends Pink rose says:- I like you Orange rose says:- I am proud of you Peach rose says:- Thank you and I sympathize with you Lavender rose says:- I am enchanted by you Blue rose says:- You seem like an unattainable dream








































Lovely Ring ❤ ❥ ❣ ❦


Romance ♥ ❤ ❥ ❣ ❦ ❧






Wednesday, June 08, 2016

बेटी से माँ का सफ़र..!!


(बहुत खूबसूरत पंक्तिया , सभी महिलाओ को समर्पित)


बेटी से माँ का सफ़र
बेफिक्री से फिकर का सफ़र
रोने से चुप कराने का सफ़र
उत्सुकत्ता से संयम का सफ़र

पहले जो आँचल में छुप जाया करती थी ।
आज किसी को आँचल में छुपा लेती हैं ।

पहले जो ऊँगली पे गरम लगने से घर को उठाया करती थी ।
आज हाथ जल जाने पर भी खाना बनाया करती हैं ।
छोटी छोटी बातों पे रो जाया करती थी
बड़ी बड़ी बातों को मन में रखा करती हैं ।

पहले दोस्तों से लड़ लिया करती थी ।
आज उनसे बात करने को तरस जाती हैं ।

माँ कह कर पूरे घर में उछला करती थी ।
माँ सुन के धीरे से मुस्कुराया करती हैं ।

10 बजे उठने पर भी जल्दी उठ जाना होता था ।
आज 7 बजे उठने पर भी
लेट हो जाता हैं ।

खुद के शौक पूरे करते करते ही साल गुजर जाता था ।
आज खुद के लिए एक कपडा लेने में आलस आ जाता हैं ।

पूरे दिन फ्री होके भी बिजी बताया करते थे ।
अब पूरे दिन काम करके भी फ्री
कहलाया करते हैं ।

साल की एक एग्जाम के लिए पूरे साल पढ़ा करते थे।
अब हर दिन बिना तैयारी के एग्जाम दिया करते हैं ।

ना जाने कब किसी की बेटी
किसी की माँ बन गई ।
कब बेटी से माँ के सफ़र में तब्दील हो गई .....!!
😊😊😊

Monday, June 06, 2016

फूटपाथ में रहने वाले बच्चो का जीवन बदलेगा

रोटी बैंक और टाटा स्टील ने लिया जिम्मा 



Jamshedpur 6,June 2016 :  सड़क किनारे गुजर-बसर करनेवाले फुटपाथी बच्चों की जिंदगी संवरने वाली है। अब उनका भी साहब कहलाने का सपना पूरा हो सकेगा। इस दिशा में प्रयास तेज हो गए हैं। 'दैनिक जागरण ' में 14 मार्च 2016 को खबर 'यहां गूंज रही स्लम डॉग की जय हो ' प्रमुखता से प्रकाशित की गई थी। इसमें शहर के कुछ फुटपाथी बच्चों की प्रतिभा को दर्शाते हुए बताया गया था कि अगर उन्हें भी सुविधा मिले तो वे भी आसमां छू सकते हैं।
इसके बाद रोटी बैंक की टीम ने पहल की और अब टाटा स्टील ऐसे बच्चों की पड़ताल कर उन्हें हुनरमंद बनाने की योजना पर काम कर रही है।
इसे मुकाम तक पहुंचाने के लिए टाटा स्टील के अर्बन सर्विसेज विभाग ने बेंगलुरु के हसीरू डाला संस्था व रांची स्थित जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सर्विसेज (एक्सआइएसएस) की मदद ली है।
इसके तहत फुटपाथी बच्चों को दो वर्गो में बांटा गया है। पहले वर्ग में 18 वर्ष तक के फुटपाथी बच्चे और दूसरे वर्ग में उससे ऊपर के युवक। दोनों के लिए दो टीम अलग-अलग योजना पर काम कर रही है।



Saturday, May 07, 2016

माँ



एक अच्छी ‪#‎माँ‬ हजारों अध्यापकों के बराबर है !

#माँ,

भले ही पढ़ी-लिखी हो या नहीं, पर संसार का दुर्लभ व महत्वपूर्ण 

#‎ज्ञान‬ हमें #माँ से ही प्राप्त होता है।


LOVE U #माँ