Wednesday, October 19, 2016

Supporting Say "NO" to Bargain for Diwali Diyas


#humble #request... !!
#कुम्हारन बैठी रोड़ किनारे,लेकर दीये दो-चार।
जाने क्या होगा अबकी,करती मन में विचार।।
याद करके आँख भर आई,पिछली दीवाली #त्योहार
बिक न पाया आधा समान,चढ गया सर पर उधार।।
सोंच रही है अबकी बार,दूँगी सारे #कर्ज उतार।
सजा रही है, सारे दीये करीने से बार बार।।
पास से गुजरते लोगों को देखे कातर निहार।
बीत जाए न अबकी दीवाली जैसा पिछली बार।।
#नम्र निवेदन मित्रों जनों से,करती हुँ मैँ मनुहार।
मिट्टी के ही दीये जलाएँ,#दीवाली पर अबकी बार।।